नहीं मिला मधुमास मुझे , मधु का प्याला
कुछ तन पे गिरा कुछ पान किया मैंने जीवन मधु में रंग डाला
चूर हुए सारे स्वपन सलोने
कल्पनाओं का महल ढह गया।
तेरी मूरत समक्ष नैन भर आये
अश्रुओं में प्रेमनगर बह गया।
तू न रही कुछ भी न रहा , रही शेष बस यह हाला।
मैंने जीवन मधु में रंग डाला।
तुम बिना सूना जीवन चित्र
निरीह तूलिका में रंग न रहा
जल गया चित्रपट सजीला
ऐसे जलाती है विरहा
मद पी मदमस्त हुए गले में पड़ी विरह की माला।
मैंने जीवन मधु में रंग डाला।
मिट गई तू हृदयपट से
यहाँ न रहा कुछ भी अब।
मधु ही है अब तो मेरा
ईश्वर अल्लाह रब ।
मधु पी मधुप्रिया के गले में डाली वरमाला।
मैंने जीवन मधु में रंग डाला।
हरपल मैं तेरे पास था
तुझमे बसते थे प्रान मेरे।
देखा तुझमे तीरथ सारे
कहा तुझे भगवान मेरे।
पर अब तो मेरा मंदिर मस्जिद काबा है सखि मधुशाला।
मैंने जीवन मधु में रंग डाला।
मुझे छोड़ा औरों के लिये
निकली तू हरजाई।
ऐ अकिंचन देख तू
कैसे मधु ने प्रीति निभाई।
मैं,तू हुआ , तू मैं न हुई , पर मधु ने मुझको पी डाला।
मैंने जीवन मधु में रंग डाला।
कुछ तन पे गिरा कुछ पान किया मैंने जीवन मधु में रंग डाला
चूर हुए सारे स्वपन सलोने
कल्पनाओं का महल ढह गया।
तेरी मूरत समक्ष नैन भर आये
अश्रुओं में प्रेमनगर बह गया।
तू न रही कुछ भी न रहा , रही शेष बस यह हाला।
मैंने जीवन मधु में रंग डाला।
तुम बिना सूना जीवन चित्र
निरीह तूलिका में रंग न रहा
जल गया चित्रपट सजीला
ऐसे जलाती है विरहा
मद पी मदमस्त हुए गले में पड़ी विरह की माला।
मैंने जीवन मधु में रंग डाला।
मिट गई तू हृदयपट से
यहाँ न रहा कुछ भी अब।
मधु ही है अब तो मेरा
ईश्वर अल्लाह रब ।
मधु पी मधुप्रिया के गले में डाली वरमाला।
मैंने जीवन मधु में रंग डाला।
हरपल मैं तेरे पास था
तुझमे बसते थे प्रान मेरे।
देखा तुझमे तीरथ सारे
कहा तुझे भगवान मेरे।
पर अब तो मेरा मंदिर मस्जिद काबा है सखि मधुशाला।
मैंने जीवन मधु में रंग डाला।
मुझे छोड़ा औरों के लिये
निकली तू हरजाई।
ऐ अकिंचन देख तू
कैसे मधु ने प्रीति निभाई।
मैं,तू हुआ , तू मैं न हुई , पर मधु ने मुझको पी डाला।
मैंने जीवन मधु में रंग डाला।