क्या भूल सकता है कोई
एहसास वह पहले प्यार का ।
वह हंस के मिलना और फिर रूठ जाना ,
अन्दाज मेरे मनुहार का ।
क्या भूल सकता है कोई
एहसास वह पहले प्यार का।
नजरें मिलाना फिर शरमा जाना ,
तेरे हृदय में धीरे-धीरे खिलना मेरे प्यार का ।
पहले हां ,फिर ना-ना , फिर हां - हां ,
वह हसीन शाम इकरार का ।
क्या भूल सकता है कोई
एहसास वह पहले प्यार का।
राहें तकना तारे गिनना ,
वह पल छिन इन्तजार का ।
दबे पांव आकर चुपके से ,
अधरों पर झुकना मेरे यार का ।
क्या भूल सकता है कोई
एहसास वह पहले प्यार का।
वह कसमें वह वादे तेरे ,
रचना एक संसार का ।
मेरे और तुम्हारे बीच प्रिये,
गिरना हर दीवार का ।
क्या भूल सकता है कोई
एहसास वह पहले प्यार का।
वह तेरी वादा खिलाफी ,
टूटना हृदय के तार का ।
कतरा कतरा रिसते रिसते ,
चुकना तेरे प्यार का ।
क्या भूल सकता है कोई
एहसास वह पहले प्यार का।
एहसास वह पहले प्यार का ।
वह हंस के मिलना और फिर रूठ जाना ,
अन्दाज मेरे मनुहार का ।
क्या भूल सकता है कोई
एहसास वह पहले प्यार का।
नजरें मिलाना फिर शरमा जाना ,
तेरे हृदय में धीरे-धीरे खिलना मेरे प्यार का ।
पहले हां ,फिर ना-ना , फिर हां - हां ,
वह हसीन शाम इकरार का ।
क्या भूल सकता है कोई
एहसास वह पहले प्यार का।
राहें तकना तारे गिनना ,
वह पल छिन इन्तजार का ।
दबे पांव आकर चुपके से ,
अधरों पर झुकना मेरे यार का ।
क्या भूल सकता है कोई
एहसास वह पहले प्यार का।
वह कसमें वह वादे तेरे ,
रचना एक संसार का ।
मेरे और तुम्हारे बीच प्रिये,
गिरना हर दीवार का ।
क्या भूल सकता है कोई
एहसास वह पहले प्यार का।
वह तेरी वादा खिलाफी ,
टूटना हृदय के तार का ।
कतरा कतरा रिसते रिसते ,
चुकना तेरे प्यार का ।
क्या भूल सकता है कोई
एहसास वह पहले प्यार का।
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